मनी लांड्रिंग में गिरफ्तार मलिक
प्रवर्तन निदेशालय ने नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा गया था। नवाब मलिक पर हसीना पारकर की एक जमीन को खरीदने का आरोप है। आरोप यह भी है कि उन्होंने 300 करोड़ की जमीन को महज 55 लाख रुपए में खरीदा। इस पूरे ट्रांजैक्शन में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप मलिक पर लगा है। साथ ही अंडरवर्ल्ड और 1993 बम धमाकों के आरोपियों से संबंध रखने और प्रॉपर्टी खरीदने का भी आरोप है। ईडी ने मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप लगाया है।
‘मलिक मुसलमान हैं, इसीलिए दाऊद से नाम जोड़ा जा रहा’
कुछ दिन पहले एनसीपी प्रमुख ने कहा था, ‘मलिक की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। उनका नाम दाऊद इब्राहिम से इसलिए जोड़ा जा रहा है क्योंकि वह मुसलमान हैं। मलिक और उनके परिवार के सदस्यों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, लेकिन हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे याद नहीं आता कि नारायण राणे को हाल में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देना पड़ा हो। राणे के लिए अलग मानदंड और मलिक के लिए अलग मानदंड दिखाता है कि यह राजनीति से प्रेरित है।’
अस्पताल में भर्ती थे नवाब मलिक
ईडी की कस्टडी के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद नवाब मलिक को मुंबई के जेजे अस्पताल में 25 फरवरी की शाम भर्ती करवाया गया था। हालांकि 28 तारीख को दोपहर में नवाब मलिक को स्वास्थ्य में सुधार के बाद वापस ईडी के दफ्तर लाया गया था। आपको बता दें कि नवाब मलिक को पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। उनकी बहन सईदा खान के मुताबिक़ नवाब मलिक को डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी और लीवर संबंधित शिकायतें थीं। पिछले साल उनकी स्टोन की सर्जरी भी हुई थी। सईदा के मुताबिक पेशाब से ज्यादा खून जाने की वजह से उन्हें जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था।
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक