कुमारकोम वासुदेवन के नाम से मशहूर वसावन असल जिंदगी में एक मछुआरे थे और निर्देशक जयराज ने उन्हें फिल्म ‘ओट्टल’ के लिए चुना था। वासुदेवन वेम्बनाड झील, कुमारकोम में मछली पकड़ रहा था। ‘ओट्टल’ ने सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
‘ओट्टल’ कुट्टप्पई नाम के एक युवा लड़के और उसके दादा वल्लियप्पाचायी के साथ उसके संबंधों की कहानी कहता है। वसावन ने वर्ष 2015 में रिलीज़ हुई फिल्म में दादाजी का किरदार वल्लियप्पाचायी का किरदार निभाया था। कुट्टप्पाई का किरदार बाल कलाकार मास्टर अशांत के शा ने निभाया था।
निर्देशक जयराज द्वारा अभिनीत, ‘ओटल’ की कहानी रूसी नाटककार और लघु कथाकार एंटोन चेखव की प्रसिद्ध लघु कहानी ‘वंका’ पर आधारित जोशी मंगलथ द्वारा लिखी गई थी। ओट्टल की सिनेमैटोग्राफी एमजे राधाकृष्णन ने की थी और एडिटिंग बी अजितकुमार ने की थी। अभिनेता शाइन टोमो चाको ने ‘ओटल’ में मेस्त्री के किरदार में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी। फिल्म में थॉमस जे कन्नमपुझा, सबिता जयराज, मास्टर हाफिस मुहम्मद और वावचन जैसे अन्य कलाकार भी शामिल थे।
‘ओटल’ ने 2016 में आयोजित बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में ‘सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म’ का पुरस्कार भी जीता।
वासुदेवन ने क्रमशः जयराज और पी विजयकुमार द्वारा निर्देशित फिल्मों ‘भयनाकम’ और ‘ओरु कट्टिल ओरु पायकप्पल’ में भी प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं।